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लोकसभा चुनाव : भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी की गारंटी

लोकसभा चुनाव के महापर्व का शंखनाद हो चुका है। आज यानि शुक्रवार 19 अप्रैल को 18वीं लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 लोकसभा सीटों पर वोटिंग की प्रक्रिया सम्पन्न हो रही है। इस चरण में चुनावी अखाड़े में उतरने प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला वोटर करेंगे। वोटरों को निष्पक्ष, निर्भीक और ईमानदार शख्सियत को वोट देना है।

केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पीएम मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ रही है। सत्ता तक पहुंचने के लिए जिन सियासी पार्टियों ने कौम और मजहब के आधार पर समीकरण तैयार किये हैं। वे हवा में झूलते नजर आ रहे हैं। वोटर ऐसे नेताओं पर वक्त गंवाना नहीं चाहते हैं। लोकसभा चुनाव के इस बार जातिगत वोट को समझना अब कोई सरल काम नहीं है। दो टर्म से भाजपा को जो जनादेश मिला है, उससे जाति और समुदाय में बांटकर मुल्क की सियासत को देखने वाले आश्चर्यचकित हैं। अपने शासनकाल में जिन पार्टियों ने जो गुनाह किये हैं, इस बार भी वे कौम और बिरादरी के नाम से भूलने के लिए तैयार नहीं है।

मुल्क भर में इन सियासी पार्टियों के राजनेताओं के जो दौरे हुए हैं, उससे आभास हुआ है कि ये लोग पुरानी शासन प्रणाली को भूलने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस ममता और समाजवादी पार्टी के नेता इस वक्त वोटरों की बुनियादी प्रॉब्लम के बारे में बात कर रहे हैं। दूसरी ओर इनके शासनकाल में हुई अपनी उपेक्षा की बातें वोटरों की स्मृति में गहराई तक बैठी है।


इस वक्त मुल्क देश में अधिकतर समस्या पानी, बिजली और सड़क की है। उस पर सरकार का युद्ध स्तर पर काम चालू है। चुनावी साल आते ही सियासी पार्टियों के नेता वोटरों के प्रति अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं। पांच साल में विपक्ष ने कभीं वोटरों से उनकी कुशलक्षेम नहीं पूछी। चुनाव में लोगों से दिलचस्पी बढ़ाने वाले नेताओं को वोटर अच्छी तरह जानते हैं।

चुनाव के वक्त कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के चेहरा अलग ही नजर आ रहा है। एलेक्ट्रोरल बॉन्ड को घोटाला बताने वाले राहुल अपनी सीट बचा पाएंगे? जब जब मोदी पर कांग्रेस ने अंगुली उठाईं है, तब तब कांग्रेस को सहन करना पड़ा है। भाजपा की सीटों की गणित लगाने वाले राहुल गांधी को वायनाड पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कांग्रेसी बेवजह उहापोह मचा रहे हैं। इनके पास देश के लिए कोई अहम मुद्दे नहीं है। कांग्रेस के पास सत्तारूढ़ पाटी को घेरने का कोई मुद्दा नहीं है। कांग्रेस हवा में फायरिंग करती है। इंडी गठबंधन चुनाव जीतने के लिए कमर कस रही है, लेकिन उसके पास मुल्क के विकास का कोई रोडमेप हो तो बताइए। कई राज्यो में कांग्रेस की सीटें शून्य है। मोदी की तीसरी बडी अर्थव्यवस्था पर कांग्रेस चुटकी लेती दिख रही है। यह मत भूलो कि शिक्षित वोटर मुल्क को राह चलते शख्स के हाथों नहीं सौंपेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश को विकास की राह बताई है। कौमी दीवारे लांघ कर मोदी के साथ खड़े हो गए वोटरों को काट पाना मुश्किल है। चुनाव नए रंग और मिजाज में होता है। इसलिए यह चुनाव पिछले किसी भी चुनाव से भिन्न होगा। 2024 का चुनाव विश्वगुरु की अवधारणा लिए आगे बढ़ेगा।

प्रतिद्वंद्वी पार्टियां राख डालने का काम कर रही हैं, लेकिन ये पब्लिक है, सब जानती है। पार्टियों ने जातिगत वोट बैंकों के समीकरण तैयार किये हैं, वे टॉय टॉय फिस्स होते नजर आएंगे। अपने शहर में वोटिंग की तिथि आने पर सब काम छोड़कर पहले वोट जरूर डालिएगा। आपका वोट मुल्क की तरक्की की दिशा तय करेगा।















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